Lockdown: सीएम ने पीएम को बताया, केंद्र से जोन निर्धारण में कहां हो रही 'चूक'

Lockdown: सीएम ने पीएम को बताया, केंद्र से जोन निर्धारण में कहां हो रही ‘चूक’

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रायपुर/नवप्रदेश। लाॅकडाउन (lockdown) को कहां कितना सख्त रखा जाए इसको लेकर केंद्र सरकार की ओर से जोन (zone) का निर्धारण (declaration) किया जाता है। वहीं लॉकडाउन (locdkown) के बीच अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की चुनौती को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री भपूश बघेल (cm baghel) ने जोन निर्धारण (zone declaration) को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है। इसको लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm modi letter) को पत्र (letter) लिखा है।

मुख्यमंत्री बघेल ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में ये बातें कही गई हैं-

  • मुख्यमंत्री बघेल (cm baghel) ने प्रधानमंत्री (pm modi) को लिखे पत्र (letter) में कहा है कि भारत सरकार के स्तर से विभिन्न जोनों के निर्धारण में व्यावहारिक कठिनाई है।
  • जोन निर्धारण के तत्काल बाद ग्रीन जोन में नये संक्रमितों के मिलने की पूर्ण संभावना है। ,
  • ऐसी स्थिति में यदि उसे पुन: रेड जोन में लाया जायेगा तो जो थोड़ी बहुत आर्थिक गतिविधियां आरंभ हुई थी वह पुन: बंद हो जाएंगी।
  • लॉकडाउन (lockdown) में लम्बे इंतजार के बाद एक बार किसी आर्थिक गतिविधि को यदि पुन: बंद किया गया तो उससे असंतोष बढ़ेगा तथा अनिश्चितता की स्थिति बनी रहेगी।
  • वर्तमान में यह अनिश्चितता भी बनी हुई है कि 17 मई के पश्चात लॉडाउन (lockdown) के संबंध में क्या स्थिति रहेगी।
  • इन सब अनिश्चितताओं को समाप्त करने के लिए आवश्यकता इस बात की है कि हम सभी संभव सावधानियां बरतते हुए आर्थिक गतिविधियों को क्रमश: आरंभ करें।
  • ऐसी स्थिति में यह उचित होगा कि राज्य के अन्दर विभिन्न आर्थिक गतिविधियां के संचालन करने के संबंध में पूर्ण अधिकार राज्य को सौंप दिए जाएं।

30 हजार के पैकेज को जल्द स्वीकृत करने का भी आग्रह

  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य को आगामी तीन माहों में 30 हजार करोड़ रूपए का पैकेज शीघ्र स्वीकृत करने का पुन: अनुरोध किया है।
  • कहा है कि यदि यह आर्थिक पैकेज स्वीकृत नहीं किया जाता तो आर्थिक संकट के कारण राज्य के सामान्य काम-काज का संचालन भी संभव नहीं हो सकेगा।
  • राज्य की अर्थव्यवस्था को पुन: पटरी पर लाने के लिए इस पैकेज में से 10 हजार करोड़ रूपए की आर्थिक सहायता तत्काल दी जानी चाहिए।
  • इससे राज्य स्तर पर ही यह निर्णय लिया जा सकेगा कि उद्योगों, व्यवसायों, कामगारों, कृषकों और अन्य गतिविधियों को कितनी-कितनी आर्थिक सहायता दी जाए।

महामारी के खत्म होने की संभावनाएं क्षीण

  • मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र में लिखा है कि देश में कोविड-19 वायरस के संक्रमण के कारण अभूतपूर्व संकट की स्थिति उत्पन्न हुई है।
  • केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा पूर्ण एकजुटता के साथ इस गंभीर आपदा से निपटने के लिए हर संभव प्रयत्न किए जा रहे है।
  • राज्य में 8 मई तक पूर्ण लॉकडाउन के 48 दिन पूर्ण हो चुके है।
  • अभी भी कोविड-19 वायरस के नए संक्रमितों की संख्या निरंतर बढ रही है।
  • इससे यह प्रतीत होता है कि निकट भविष्य में इस महामारी के पूर्ण नियंत्रित होने अथवा समाप्त होने की संभावनाएं अत्यंत क्षीण है।

लाखों परिवारों के सामने आजीविका का संकट

  • मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में अभी तक तुलनात्मक रूप से कोरोना वायरस के प्रसार की स्थिति अन्य राज्यों से बेहतर है।
  • राज्य में आपदा से निपटने के लिए संपूर्ण तंत्र को यथासंभव सुदृढ़ किया जा रहा है।
  • लॉकडाउन की लंबी अवधि के कारण राज्य में सभी प्रकार की आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, जिससे लाखों परिवारों के सामने आजीविका का संकट उत्पन्न हो गया है।
  • भारत सरकार द्वारा वर्तमान में कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए जिलों को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोनों में विभाजित कर सीमित आर्थिक गतिविधियां आरंभ की गई है।

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