Madhya Pradesh में बाघ की मौत; बुखार, फेफड़ों में था संक्रमण, 14 कर्मी... |

Madhya Pradesh में बाघ की मौत; बुखार, फेफड़ों में था संक्रमण, 14 कर्मी…

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सिवनी/नवप्रदेश। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पेंच टाइगर रिजर्व (pench tiger reserve) में एक बाघ (tiger dies) टी 21 की मौत हो गई। यह मामला सिवनी (seoni) का है। खास बात यह है कि इस बाघ के शरीर पर न तो कोई चोट का निशान है न ही फायरिंग का निशान है।

मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में हुई इस बाघ (tiger dies)की मौत की वजह अंदरूनी बीमारी बताई जा रही है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बाघ के पेट में बालों का गुच्छा था। उसे बुखार और फेफड़ों में संक्रमण भी था।

पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा कि उसकी मौत का कारण क्या है। हालांकि सिवनी (seoni) में पेंच टाइगर रिजर्व (pench tiger reserve) के इस मृत बाघ का अंतिम संस्कार करने वाले तथा उसका पोस्ट मार्टम करने वाले वन तथा पशु चिकित्सा विभाग के कर्मियों को ऐहतियातन क्वारंटाइन किया गया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक इन कर्मियों की संख्या 14 है। इनमें से कुछ का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया गया है।

इसलिए बढ़ी चिंता

इस मामले ने मध्य प्रदेश शासन-प्रशासन की चिंता इसलिए भी बड़ा दी है क्योंकि अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित चिड़याघर की एक बाघिन के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की पुष्टि हो चुकी है। अमेरिका की घटना सामने आने के बाद भारत सरकार के संबंधित विभागों द्वारा राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को बाघों व अन्य वन्य प्राणियों की निगरानी के लिए एडवायजरी भी जारी की जा चुकी है। वन अमले के साथ ही चिड़िया घरों के कर्मियों को सीसीटीवी कैमरों के जरिए 24 घंटे वन्य प्राणियों पर नजर रखने के लिए कहा गया है।

बाघ टी 21 की मौत कोरोना से नहीं हुई है। उसे कोई दूसरा इन्फेक्शन बताया जा रहा है। फिर भी कर्मियों को ऐहतियातन क्वारंटाइन में रखा गया है।

-यू प्रकाशम, पीसीसीएफ, मध्य प्रदेश

बाघ टी 21 के पेट से बालों का गुच्छा निकला है। उसे बुखार था व फेफड़ों में इन्फेक्शन भी था। लेकिन पशु चिकित्सकों की मानें तो उसके कोरोना से संक्रमित होने की आशंका बिल्कुल नहीं है। हर बुखार व फेफड़ों में इन्फेक्शन को कोरोना नहीं कहा जा सकता। बाघ का इलाज किया गया लेकिन वह बच नहीं सका। फिर भी ऐहतियातन कर्मियों को क्वारंटाइन में रखा गया है। यह कोई दूसरा इन्फेक्शन है। हिस्टोपैथोलॉजिकल रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों का स्पष्ट तरीके से पता चल जाएगा। हालांकि अब के शरीर से लिए गए सैंपल का कोविड 19 टेस्ट भी नहीं हो सकता क्योंकि 4 अप्रैल को मौत के बाद बाघ उसके सैंपल को फार्मिलिन में मिलाकर रखा गया है। और डॉक्टरों की मानें तो इस प्रक्रिया के बाद कोरोना टेस्ट नहीं हो सकता।  

-विक्रम सिंह परिहार, फील्ड डायरेक्टर, पेंच टाइगर रिजर्व, सिवनी

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