केंचुएं खाकर मुर्गी देगी किसान को हर माह 1.38 लाख के अंडे

केंचुएं खाकर मुर्गी देगी किसान को हर माह 1.38 लाख के अंडे

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नई दिल्ली/रायपुर/नवप्रदेश। यदि आपके पास आधा एकड़ यानी 25000 वर्ग फीट भी जमीन है तो आप 18 माह (in 18 month) में लखपति बन सकते हैं। 18 माह में आप इस जमीन की बदौलत 1, 2 नहीं सीधे 25 लाख रुपए कमा सकते (earn 25 lakh rupees) हैं।

साथ ही दूसरों को रोजगार भी दे सकते हैं। इसका फॉर्मूला केंद्रीय पशुपालन, डेयरी व मत्स्य पालन मंत्री गिरीराज सिंह (union minister giriraj singh) के पास है, जिसमें केंचुए (earthworm) का अहम रोल है।

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यदि केंद्र सरकार उनके फॉर्मूले (formulae) पर अमल कर लेती है तो अगले पांच साल में केंद्र सरकार के किसानों की आमदनी दोगुनी (double the farmer’s income) करने के लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है। केंचुए (earthworm) के अहम किरदार वाले इस फॉर्मूले (formulae) से किसानों की दोगुनी आय, रोजगार सृजन तो होगा ही। साथ ही यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि जानवरों व मनुष्य के सह अस्तित्व मेंं कोई चुनौती न हो।

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केंद्रीय मंत्री (union minister giriraj singh) का यह फॉर्मूला बिना ज्यादा खर्च किए रोजगार सृजन व किसानों की आमदनी बढ़ाने (double the farmer’s income) वाला है।

आर्गेनिक अंडों पर जोर

उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे केंचुएं की मदद से मुर्गियों को कम से कम खर्च में दाना उपलब्ध कराकर उससे प्राप्त होने वालो आर्गेनिक अंडों से लाखों कमाया जा सकता है। ये है फॉर्मूला…

  • मंत्री सिंह ने बताया कि जिन किसानों के पास आधा एकड़ भी जमीन है वे 18 माह में 25 लाख रुपए कमा सकते हैं।
  • उन्होंने बताया कि आधा एकड़ भूखंड पर 2500 मुर्गियां पाली जा सकती है।
  • 18 महीने की अवधि में एक मुर्गी 200 से 250 अंडे देती है।
  • यदि इसे 2500 से गुणा कर दें तो पांच लाख अंडे होते हैं।
  • ये अंडे पूरी तरह आर्गेनिक होंगे, जिसे किसान या यह उद्यम करने वाला उद्यमी 5 रुपए प्रति नग के हिसाब से बेच सकता है।
  • इस तरह वह 18 माह में (in 18 month) 25 लाख रुपए कमा सकते (earn 25 lakh rupees) हैं।

मुर्गियों के खुराक की भी चिंता नहीं

मंत्री ने बताया कि एक मुर्गी की खुराक की बात करें तो उसके लिए 30 ग्राम केंचुएं, 30 ग्राम केंचुआ खाद, 30 ग्राम चावल की टुकड़ी चाहिए होती है। रहा सवाल इस खुराक पर होने वाले खर्च का तो यह भी नगण्य हो जाएगा।

क्योंकि संबंधित किसान या उद्यमी के पास केंचुओं की व्यवस्था होगी। सिंह ने कहा, ’90 दिन की अवधि के लिए यदि हमारे पास चार ऐसे जानवर हो जो 40 किलो गोबर दे सकते हैं तो हम जैव ईंधन (बायोमास) से उससे 120 किलो केंचुएं प्राप्त कर सकते हैं।

ऐसे पैदा होते हैं 3 किलो केंचुएं

मंत्रालय की ओर से केंचुओं के उत्पादन के लिए जो फॉर्मूला तैयार किया जा रहा है उसके मुताबिक 3 किलो केंचुओं की उत्पत्ति के लिए 10 फीसदी गाय का गोबर, 20 फीसदी मिट्टी व 70 फीसदी जैव ईंधन जरूरी है। 10 किलो के जैव ईंधन के कांबिनेशन से 3 किलो केंचुए पैदा किए जा सकते हैं।

बस एक मंजूरी की देर

हालांकि मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा कि इस योजना को मूर्त रूप लेने में एक साल का समय लगेगा। क्योंकि इसके लिए आईसीएआर की मंजूरी जरूरी है। इस संबंध में आईसीएआर से संबंधित विभिन्न संस्थानों में 6 पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं।

बताया कि व्यक्ति को सालभर में कितने अंडे खाना जरूरी

केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि एक व्यक्ति का हर साल 180 अंडे खाना चाहिए। जबकि अभी देश में प्रति व्यक्ति अंडे की औसतन खपत सिर्फ 68 प्रति वर्ष है। इस संबंध में उन्होंने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च का हवाला दिया।

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3 thoughts on “केंचुएं खाकर मुर्गी देगी किसान को हर माह 1.38 लाख के अंडे

  1. Yes….it’s a good and motivational move…if implemented… employment will be created on mass scale and consumers will get quality organic eggs which is imperative for their health

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