चीन ही नहीं नेपाल को लेकर भी भारत अलर्ट, उठाया ये सख्त कदम

चीन ही नहीं नेपाल को लेकर भी भारत अलर्ट, उठाया ये सख्त कदम

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बगहा/नवप्रदेश। भारत (india)अब चीन (china) के साथ ही नेपाल (nepal) को लेकर भी अलर्ट हो गया । दरअसल चीन के भरोसे नेपाल में भारत विरोधी गतिविधियां तेज हो गई है। लिहाजा भारत (india) की ओर से नेपाल सीमा (neapal border) पर बिहार के पश्चिमी चंपारण के बाल्मीकिनगर में एसएसबी ने चौकसी बढ़ा दी गई है। इसे सील (seal) कर दिया गया है।

एसएसबी 21वीं बटालियन के कमांडेट राजेन्द्र भारद्वाज ने बताया कि सीमा पूरी तरह सील (seal) है और स्थिति सामान्य है। फिर भी मोबाइल पेट्रोलिंग को बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा सभी नाकों पर भी लगातार पेट्रोलिंग की जा रही है। उक्त सीमा (nepal border) से भारत और नेपाल (nepal) में आवागमन आसानी से होता है। उल्लेखनीय है कि नेपाल ने अपना एक नया नक्शा जारी किया है। इसमें उसने भारत के क्षेत्र पर अपना अधिकार दिखाया है। इस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी।

वहीं दूसरी ओर लद्दाख में चीन (china) को लेकर भारत पहले से ही सतर्क है। तो वहीं नेपाल से सीमा विवाद की गंभीरता को देखते हुए चौकन्ना हो गया है। जिसके चलते भारत-नेपाल सीमा पर स्थित बाल्मीकिनगर में सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) ने पेट्रोलिंग तेज कर दी है।

बाल्मीकीनगर में भी नेपाल बढ़ा रहा घुसपैठ

बाल्मीकिनगर में भी नेपाल के साथ सीमा विवाद बहुत पुराना है। आए दिन नेपाल अपनी घुसपैठ बढ़ाता जा रहा है। अंग्रेजी हुकूमत के साथ हुए समझौते को भी अगर देखा जाए तो नेपाल ने जबरन सैकड़ों एकड़ भारतीय भूमि पर अतिक्रमण कर लिया है। इसका हल निकालने के लिए दोनों देशों के बीच कई बार हाई लेवल मीटिंग हुई। लेकिन इसमें बनी आम सहमति का भी नेपाल बार-बार उल्लंघन कर रहा है।

नेपाल के कंधे पर चीन ने रखी बंदूक!

चीन, नेपाल की मदद से भारत पर दबाव बनाने की कोशिश में लगा है। चीन ने लद्दाख में घुसपैठ करने की कोशिश में लगा है। तो वहीं नेपाल के जरिए भी भारत पर दबाव बनाने की कोशिश करता रहा है। पिछले दिनों नेपाल ने नए मानचित्र में लिम्पीयाधुरा, लिपुलेख और कालापानी जैसे उन इलाकों को भी अपने क्षेत्र में दिखाया हैं, जो भारत के पास हैं। ऐसा माना जाता है कि नेपाल ने ये सब चीन की इशारे पर किया है। क्योंकि नेपाल के नए नक्शे को स्वीकार करने पर भारत को न केवल अपने अधिकार वाली जमीन को छोडऩा होगा बल्कि चीन का दखल भी इस इलाके में और बढ़ जाएगा।

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