CORONA VIURS : लॉकडाउन बढ़ाना आवश्यक

CORONA VIURS : लॉकडाउन बढ़ाना आवश्यक

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नहीं सुधरे तो सरकार को और कड़े कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा

कोरोना वायरस (CORONA VIURS) के संक्रमण (Infection) को रोकने के लिए सरकार ने 21 दिनों (21 DAY) का लॉकडाउन (LOCKDOWN) लगाया था जिसकी अवधी 14 अप्रैल को खत्म होने जा रही है। इस बीच देश में लॉकडाउन के बावजूद कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार लोगों की संख्या तेजी से बड़ रही है।

अब तक पांच हजार से अधिक लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके है और 117 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। यह स्थिति बेहद खतरनाक है और कोरोना (CORONA VIURS) के थर्ड स्टेज में जाने का खतरा पैदा हो गया है।

यही वजह है कि जिन राज्यों में कोरोना संक्रमण के शिकार लोगों की संख्या ज्यादा है वहां केे मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अनुरोध किया है कि वे कम से कम औैर दो सप्ताह के लिए लॉकडाउन जारी रखें। केन्द्र सरकार भी इस पर गंभीरता से विचार कर रही है।

वास्तव में यदि लॉकडाउन हटा दिया गया तो कोरोना वायरस के और ज्यादा फैलने की संभावना है। जबकि राज्य सरकारों के पास इस संकट से निपटने के लिए संसाधनों की बेहद कमी है। ऐसी स्थिति में लॉकडाउन (LOCKDOWN)को आगे बढ़ाने के अलावा कोई चारा नहीं है। दरअसल 21 दिनों के लॉकडाउन का यदि इमानदारी से पालन किया जाता तो चैन टूट सकती थी और कोरोना वायरस के फैलाव को रोका जा सकता था।

लेकिन दुर्भाग्य से कुछ लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और लॉकडाउन की अवहेलना कर देश के लगभग सभी राज्यों में कोरोना वायरस (CORONA VIURS) को फैला दिया। यही नहीं बल्कि उन मुर्र्खों ने खुद को छिपाकर भी रखा हुआ है। जिनकी तलाश करना पुलिस औैर प्रशासन के लिए मुश्किले पैदा कर रहा है।

ऐसी स्थिति में लॉकडाउन को आगे बढ़ाना निहायत जरूरी है। ताकि कोरोना सकं्रमित लोगों की पहचान करने उन्हें तलाशने और अस्पताल ले जाने का समय मिल सके। 14 अप्रैल तक भी लॉकडाउन को और कड़ाई पूर्वक लागू कराना निहायत जरूरी है। अभी भी कुछ लोग समझने को तैयार नहीं है कि देश कितने बड़े खतरे में पडऩे जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार लोगों से अपील कर रहे है कि वे घरों में ही रहे लेकिन कुछ लोग मानने के लिए तैयार ही नहीं है। पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ सख्ती बरती है तो ऐसे उपद्रवी तत्व पुलिस पर भी हमला कर देते है। यही नहीं बल्कि जिन कोरोना संक्रमित लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया है। वे डॉक्टरों और नर्सों के साथ दुव्यवहार करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं।

ऐसे तत्वों के खिलाफ भी कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की आवश्कता है। ऐसे लोगों के वजह से ही लॉकडाउन को और आगे बढ़ाने की नौबत आ गई है। यदि ये लोग अभी भी नहीं सुधरे तो सरकार को और कड़े कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा और देश को इसका दुष्परिणाम भुगतना पड़ेगा। उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकरा लॉकडाउन को आगे बड़ाकर उसका कड़ाई पूर्वक पालन कराने के लिए कारगर कदम उठाएगी।

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