Lockdown : कोरोना योद्धाओं से ये कैसी दुश्मनी

Lockdown : कोरोना योद्धाओं से ये कैसी दुश्मनी

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भारत में कोरोना वायरस (corona virus) से संक्रमित लोगों की संख्या में दिन ब दिन वृद्धि होती जा रही है। जो सरकार के लिए गहरी चिंता (government deep concern) का विषय है। पिछले एक पखवाड़े से लगे लॉकडाउन के बावजूद जिस तेजी से कोरोना संक्रमितों (Corona infected) की संख्या बढ़ रही है। उसे मध्ये नजर रखकर लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने की नौबत आ गई है। यह स्थिति इसलिए बनी है कि कुछ सिरफिरों ने लॉकडाउन का घोर उल्लंघन किया है।

पुलिस की समझाईश के बावजूद लोग लॉकडाउन (lockdown) का पालन नहीं कर रहे है और न ही चिकिस्कों की हिदायतों का पालन कर रहे हैं। लॉकडाउन तोडऩे वालों के खिलाफ पुलिस कर्मचारी लगातार सड़कों पर उतरे हुए है। अपनी जान हथेली पर रखकर वे अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे है। जो ऐसे लोगों को पसंद नहीं आ रहा है और वे पुलिस कर्मचारियों पर ही हमले करने लगे है।

अभी तक तो पुलिस बल पर पत्थरबाजी की जाती थी लेकिन पंजाब के पटियाला में तो ऐसे उपद्रवियों ने एक एएसआई का हाथ ही काट दिया। यह गनिमत है कि चिकित्सकों ने उनका हाथ फिर से जोडऩे में कामयाबी हासिल कर ली। पंजाब के ही फरदकोट में कोरोना योद्धाओं पर गोली चलाने की भी खबर सामने आई है। समझ में नहीं आता कि इन लोगों को कोरोना योद्धाओं से क्या दुश्मनी है।

होना तो यह चाहिए कि अपना घर बार त्याग कर देशवासियों को कोरोना के कहर से बचाने वाले डॉक्टरों, नर्सों और पुलिस कर्मियों का हम सम्मान करें। यदि सम्मान नहीं भी कर सकते तो कोई बात नहीं लेकिन ऐसे कोरोना योद्धाओं के खिलाफ हिंसा तो ना करे। लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि ये देवदुत है जो सभी के प्राणों की रक्षा के लिए अपनी जान का खतरा उठाकर ऐसी विषम स्थिति में अपना फर्ज निभा रहे हैं।

यदि कोरोना योद्धाओं पर इसी तरह हमले होते रहे और उन्होंने अपने हाथ खड़े कर दिए तो देश का क्या होगा। भारत भी फ्रांस, इटली और अमेरिका की तरह कोरोना के थर्ड स्टेज में पहुंच जाएगा और इसके बाद स्थिति को संभालना सरकार के लिए असंभव की हद तक कठिन हो जाएगा। वैसे भी जिस रफतार से भारत ने कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की तादाद बड़ रही है उसे देखते हुए भारत के तीसरे चरण में पहुंचने का खतरा पैदा हो गया है।

इस स्थिति से बचने के लिए यह जरूरी है कि सभी लोग लॉकडाउन (lockdown) का ईमानदारी से पालन करें और पीडि़त मानवता की सेवा में दिन रात एक कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस कर्मचारियों के निर्देशों का पालन कर इस लड़ाईमें सरकार का सहयोग करें। तभी इस वैश्विक संकट से निपटने में भारत को कामयाबी मिलेगी। अन्यथा भारत भी इटनी, फ्रांस, इंग्लैड और अमेरिका की तरह भारी संकट में घिर जाएगा और लॉकडाउन के बाद कफ्र्यू लगाने की भी स्थिति पैदा हो जाएगी।

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