sonia gandhi ने पीपीई किट को लेकर दिया बड़ा बयान- इसकी..., राहुल बोले- हमारे...

sonia gandhi ने पीपीई किट को लेकर दिया बड़ा बयान- इसकी…, राहुल बोले- हमारे…

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कांग्रेस अध्यक्ष ने ली पार्टी की वर्किंग कमेटी की बैठक, सीएम बघेल व मंत्री साहू भी शामिल

नवप्रदेश/नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (sonia gandhi) ने पीपीई किट (ppe kit) की कमी और खराब गुणवत्ता पर सवाल उठाया है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (cwc) की बैठक में सोनिया गांधी ने पीपीई किट ( ppe kit) की खराब क्वालिटी पर चिंता जाहिर की और साथ ही कहा कि देश में कोरोना टेस्टिंग अभी बहुत कम संख्या में हो रही है, यह काफी चिंता की बात है। राहुल गांधी (rahul gandhi) ने पीपीई किट को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि दुर्भाग्य है कि हमारे सुझावों को सरकार ने सिर्फ आंशिक रूप से ही माना।

सीडब्ल्यूसी बैठक में कोरोना संक्रमण को लेकर बरती जा रही सावधानियां और कांग्रेस शासित राज्यों में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए।

किसानों का मसला उठाते हुए सोनिया गांधी (sonia gandhi) ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से देश के किसान सबसे अधिक परेशान हैं। कमजोर और अस्पष्ट खरीद नीतियों के अलावा सप्लाई चैन में आ रही दिक्कतों ने किसानों को बेहाल कर दिया है। उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द निपटारा किया जाना चाहिए। खरीफ फ सल के लिए भी किसानों को सुविधाएं मिले।

महामारी ने बढ़ाई हमारी अशांति

बैठक में राहुल गांधी (rahul gandhi) ने कहा-तीन हफ्ते पहले हमारी मुलाकात के बाद से महामारी ने अशांति बढ़ाई है । दोनों प्रसार और गति में। लॉकडाउन जारी है और हमारे समाज के सभी वर्गों को तीव्र कठिनाई और संकट का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से हमारे किसान और खेत मजदूर, प्रवासी श्रमिक, निर्माण श्रमिक और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक।

व्यापार, वाणिज्य और उद्योग एक आभासी पड़ाव पर आ गए हैं और करोड़ों जीविकाएं नष्ट हो गई हैं। 3 मई के बाद की स्थिति को कैसे प्रबंधित किया जाएगा, इस बारे में केंद्र सरकार को स्पष्ट जानकारी नहीं है। उस तिथि के बाद वर्तमान प्रकृति का एक लॉकडाउन और भी विनाशकारी होगा।

ये भी बोले राहुल गांधी


तालाबंदी के पहले चरण में चली गईं 12 करोड़ नौकरियां


तालाबंदी के पहले चरण में 12 करोड़ नौकरियां चली गईं। बेरोजगारी और बढऩे की संभावना है क्योंकि आर्थिक गतिविधि एक ठहराव पर बनी हुई है। इस संकट से निपटने के लिए प्रत्येक परिवार को कम से कम 7,500 रुपये प्रदान करना अनिवार्य है।


हमारे सुझावों पर सिर्फ आंशिक कार्रवाई


राहुल गांधी ने कहा कि तालाबंदी शुरू होने के बाद से प्रधानमंत्री को कई बार लिखा गया है। मैंने अपने रचनात्मक सहयोग की पेशकश की और ग्रामीण और शहरी दोनों परिवारों की पीड़ा को कम करने के लिए कई सुझाव भी दिए। ये सुझाव हमारे मुख्यमंत्रियों सहित विभिन्न स्रोतों से प्राप्त फ ीडबैक के आधार पर तैयार किए गए थे। दुर्भाग्य से उन पर केवल आंशिक कार्रवाई की गई है।

दुर्भाग्य से परीक्षण अभी भी कम


राहुल गांधी ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री से बार-बार आग्रह किया है कि परीक्षण, ट्रेस और संगरोध कार्यक्रम का कोई विकल्प नहीं है। दुर्भाग्य से, परीक्षण अभी भी कम है और परीक्षण किट अभी भी कम आपूर्ति और खराब गुणवत्ता की हैं। पीपीई किट हमारे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को प्रदान की जा रही हैं, लेकिन संख्या और गुणवत्ता खराब है।


11 करोड़ लोग सार्वजनिक वितरण प्रणाली से बाहर


राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्यान्न का प्रवेश अभी तक लाभार्थियों तक नहीं पहुंचा है। 11 करोड़ लोग जिन्हें सब्सिडी वाले खाद्यान्न की जरूरत है, वे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के बाहर हैं। इस संकट की घड़ी में परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को 10 किलोग्राम अनाज, 1 किलो दाल और आधा किलोग्राम चीनी हर महीने उपलब्ध कराना हमारी प्रतिबद्धता होनी चाहिए।

भाजपा फैला रही पूर्वागृह व घृणा का वायरस


जब हमें कोरोना वायरस से एकजुट रूप से निपटना चाहिए, तो भाजपा सांप्रदायिक पूर्वाग्रह और घृणा के वायरस को फैलाना जारी रखती है। हमारे सामाजिक समरसता के लिए गंभीर क्षति हो रही है। हमारी पार्टी, हमें उस क्षति की मरम्मत के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। कुछ सफलता की कहानियां हैं और हमें उनकी सराहना करनी चाहिए। सबसे अधिक हमें प्रत्येक व्यक्तिगत भारतीय को कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करना चाहिए, जो पर्याप्त व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की अनुपस्थिति के बावजूद होता है।

केंद्र करें राज्यों की मदद, हमने मांगे 30 हजार करोड़ : सीएम बघेल


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बैठक में छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं बचावों और जरूरतमंद लोगों के लिए किए जा रहे राहत के कार्यों की ताजा स्थिति की जानकारी दी। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि कोविड-19 संकट के समय केन्द्र सरकार को आगे बढ़कर राÓयों को आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए। तभी कोविड-19 के विरुद्ध इस लड़ाई को जीता जा सकेगा। बघेल ने सोनिया गांधी को बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से &0 हजार करोड़ रुपए के पैकेज की मांग की गई है।

जिससे प्रदेश के लाखों जरूरतमंद परिवारों के लिए राहत और कल्याणकारी योजनाओं तथा राज्य के सामान्य काम-काज का संचालन सुचारू रूप से संभव हो सके। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन लागू है। कुछ अत्यावश्यक सेवाओं के लिए छूट दी गई है। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। गरीब परिवारों को तीन माह का राशन नि:शुल्क दिया जा रहा है।

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