अनुसूईया उइके बनी छत्तीसगढ़ की राज्यपाल, अब साय और बैस की उम्मीदें जगी

अनुसूईया उइके बनी छत्तीसगढ़ की राज्यपाल, अब साय और बैस की उम्मीदें जगी

Modi's endorsement of Sai and Bass with the same bets

chhattisgarh governor

सुकांत राजपुत

रायपुर। छत्तीसगढ़ chhattisgarh की फुलटाइम गवर्नर governor  के नाम का ऐलान हो चुका है। राज्यपाल स्वर्गीय बलरामदास जी टंडन Balram Das Tandon के निधन के बाद से ही एक्टिंग गवर्नर आनंदी बेन पटेल Anandiben Patel  बनाई गईं। एमपी और सीजी की राज्यपाल का जिम्मा वे बखूबी निभाईं भी। पहली बार प्रदेश में प्रभारवाद का मौका आने के साथ ही राज्यपाल की दौड़ में बीजेपी के कई दिग्गजों के नामों की चर्चा थी।

इसमें छत्तीसगढ़ के सबसे वरिष्ठ सांसदों में शुमार बीजेपी नेता रमेश बैस और पूर्व सांसद व राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के मौजूदा अध्यक्ष नंदकुमार साय का नाम शामिल है। हालांकि राज्यपाल governor का पद आमतौर पर कभी उसी राज्य का नहीं होता।  पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिये गए। इसके बाद बैस के राज्यपाल governor बनाए जाने की खबरें उडऩे लगी थीं। नंदकुमार साय दूसरे उम्मीदवार माने जा रहे थे।

हालांकि वे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष हैं और उनका कार्यकाल खत्म होने में महज चंद माह ही बचे हैं। कार्यकाल को लेकर और संभावित पदों के लिए साय पीएम को साधने की कोशिश में भी रहे, पर वे कामयाब नहीं हुए। सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि सुश्री अनुसूइया उइके साय के साथ आयोग में सदस्य रहीं हैं। ऐेसे में पीएम मोदी और पार्टी संगठन स्तर में सुश्री अनुसूइया उइके के राज्यपाल बनाए जाने में मोदी का ही दांव माना जा रहा है।

भाजपा में है 1990 से अनुसुइया

सुश्री अनसुइया उइके जमीन से जुड़ी बेहद सरल व्यक्तित्व की धनी हैं। उन्हें राजनीति में पहला मौका कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वर्तमान में एमपी के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिया। उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर 1985 में दमुआ विधानसभा से चुनाव लड़ा और विजय हासिल की। विधायक के तौर पर 1985 से 1990 तक का कार्यकाल उनका पहला और आखरी कार्यकाल था।

मोतीलाल वोरा के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद जब 1988 में अर्जुन सिंह दूसरी बार मुख्यमंत्री बने तो इन्हें प्रदेश का महिला एवं बाल विकास मंत्री बनाया।

बाद में छिंदवाड़ा की अंदरूनी राजनीति में कमलनाथ से अनबन के चलते हुई सुश्री अनुसूईया उईके 1990 में भाजपा प्रवेश कर लीं। वे राज्यसभा की सांसद रहीं और भाजपा ने उन्हें अनुसूचित जनजाति आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया। अब अनसुइया जी छत्तीसगढ़ की नई राज्यपाल होंगी। राज्यपाल के तौर पर वे कब पदभार लेंगी इसकी औपचारिक घोषणा बाकी है।

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