Gariaband में फार्मासिस्ट बना डॉक्टर, करता था ये काम, अवैध क्लीनिक से... |

Gariaband में फार्मासिस्ट बना डॉक्टर, करता था ये काम, अवैध क्लीनिक से…

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मैनपुर/देवभोग/नवप्रदेश। गरियाबंद  (gariaband) जिले में जच्चा-बच्चा से खिलवाड़ का बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक फार्मासिस्ट (pharmacist) द्वारा अवैध क्लीनिक (clinic) चलाया जा रहा था।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस क्लीनिक (clinic) में फार्मासिस्ट (pharmacist) छोटे मोटे ऑपरेशन के साथ ही अवैध तरीके से प्रसव (delivery) भी कराता था। मामला गरियाबंद (gariaband) देवभोग विकासखंड मुख्यालय के टिकरापारा का है।

बताया जा रहा है भाजपा के एक नेता के राजनीतिक संरक्षण में यह फार्मासिस्ट सुधीर दौरा डॉक्टर की डिग्री के बिना ही अपना क्लीनिक चलाता था।

दौरा क्लीनिक में हुए प्रसव (delivery) की एंट्री सीएचसी में मौजूद राष्ट्रीय हेल्थ मैनेजमेंट पंजी में भी हो रही थी। चूंकि जानकारी ऑनलाइन थी, इसलिए प्रसव की जानकारी लगते ही सीएमएचओ एनआर नवरत्न ने देवभोग प्रशासन के साथ मिलकर छापामारी कर क्लीनिक से भारी मात्रा में अवैध दवा बरामद की थी।

पहले नहीं होने दी जांच

दौरा ने अपनी राजनीतिक धौंस दिखाकर टीम को पूरी जांच भी नहीं करने दी थी। क्लीनिक संचालन से सम्बन्धी न तो कोई दस्तावेज दिखाया, न ही छापेमारी के बाद जारी सीएमएचओ के नोटिस का कोई जवाब जरूरी समझा। उक्त मामले कि कार्यवाही धीमी हो गई थी।  24 अप्रैल के बाद मसला शांत करा दिया गया था।

कलेक्टर ने लिया संज्ञान तो शुरू हुई जांच

13 मई को मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करने कांग्रेसी नेता संजय नेताम ने तत्कालीन कलेक्टर श्याम धावड़े को ज्ञापन सौंपा था, कलेक्टर ने उसी दिन ही सीएमएचओ को पत्र भी जारी कर दिया, पर मामला फिर अटका दिया गया था। कलेक्टर ने दोबारा संज्ञान लिया तो 21 मई को सीएमएचओ ने आनन फानन में दो पत्र बीएमओ देवभोग के नाम जारी कर जानकारी व जांच रिपोर्ट मांगते हुए लिखा था कि 3 दिवस के भीतर जानकारी दी जाए ताकि सुधीर दौरा के क्लीनिक को सील कर एफआईआर दर्ज कराई जा सके। इस आदेश के बाद तीन ड्रग इंस्पेक्टर समेत 5 लोगों की विभागीय टीम ने 26 मई को टिकरापारा व देवभोग पहुंच जांच पूरी की । हालांकि इसकी रिपोर्ट अभी सौंपी नहीं गई है।

एक प्रसूता की हो चुकी है मौत

22 मई को देवभोग बीएमओ डॉ सुनील भारती ने सीएमएचओ को भेजी रिपोर्ट में सुधीर दौरा के क्लीनिक में अवैध तरीके से प्रसव की जानकारी भेजी । इसमें उन 12 प्रसूताओं के नाम-पते दिए गए हैं, जिनका फार्मासिस्ट द्वारा प्रसव कराया गया है।रिपोर्ट में बताया गया है कि साहसखोल निवासी इच्छावती पति नीलम उम्र 27 वर्ष द्वारा 5 मार्च को सुधीर के क्लीनिक में प्रशव करवाया गया, किन्तु 7 मार्च को उसकी मौत हो गई थी। 10 अप्रैल को  इसी क्लीनिक में प्रसव के दौरान मृत बच्चे के जन्म की बात सामने आई थी।

किसने क्या कहा


हम तो अपना काम कर चुके हैं। बीएमओ देवभोग से इस पर बात कीजिए, ब्लाक अधिकारी होने के नाते उन्हें इसमें एफआईआर की पहल करनी चाहिए।
-डॉ. एनआर नवरत्न,  सीएमएचओ गरियाबंद

उक्त क्लिनिक पर छापामारी सीएचएमओ साहब के नेतृत्व में हुई थी, कायदे से उन्हें आगे की कार्यवाही की पहल करनी चाहिए।
सुनील भारती,   बीएमओ देवभोग


पूर्व में जो स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो कार्रवाई हुई थी उस पर हमने औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम के तहत संज्ञान लिया है। मामले को न्यायालय में पेश किया जाएगा।
-मिनाक्षी वैष्णव,  सहायक औषधि नियंत्रक, गरियाबंद

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