रायपुर/नवप्रदेश। छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) में कुपोषण मुक्ति (malnutrition elimination)  के लिए मुख्यमंत्री (chief minister bhupesh baghel) भूपेश बघेल द्वारा दृढ़ संकल्पित होकर किए जा रहे समन्वित अभिनव प्रयासों को लोगों की लगातार सराहना (appreciation) और सहयोग मिल रहा है।

गुरुवार को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनिसेफ (unicef) ने छत्तीसगढ़ में कुपोषण मुक्ति के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। बता दें कि यूनिसेफ का हेडक्वार्टर अमेरिकार केे न्यूयाॅर्क शहर में है।

यूनिसेफ इंडिया (unicef) ने अपने ट्वीटर हैण्डल से मुख्यमंत्री (chief minister bhupesh baghel) भूपेश बघेल की मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के शुभारंभ की पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि ’’खून की कमी और कुपोषण रोकने के लिए मलेरिया की रोकथाम बहुत जरूरी कदम है। जिससे बस्तर के आदिवासी इलाकों में महिलाओं और बच्चों की जान बचाई जा सकती है। यह छत्तीसगढ़ सरकार का महत्वपूर्ण कदम है।’’

पहले दंतेवाड़ा के प्राथमिक स्कूल का भी जिक्र

इससे पहले भी यूनिसेफ ने अपने ट्वीटर और फेसबुक एकाउंट पर दंतेवाड़ा जिले के प्राथमिक शाला बेंगलुरू की फोटो साझा कर स्कूलों में चल रहे किचन गार्डन बागवानी की सराहना करते हुए इसे बच्चों के पोषण के लिए अनूठी राह बताया था। राज्य सरकार द्वारा आकांक्षी जिलों और कुपोषण (malnutrition elimination) से ग्रसित आदिवासी बहुल इलाकों में खासतौर पर कुपोषण मुक्ति के प्रयास किए जा रहे है।

इसके सुखद परिणामस्वरूप विगत दिनों सुपोषण अभियान में उल्लेखनीय उपलब्धि और नयी पहल के लिए 115 आकांक्षी जिलों में से दंतेवाड़ा जिले को स्कॉच अवार्ड से नवाजा गया है।

15 जनवरी से शुरू हुआ मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान

उल्लेखनीय है कि बस्तर को मलेरिया, एनीमिया और कुपोषण से मुक्त करने के संकल्प के साथ 15 जनवरी से संभाग के सातों जिलों में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान शुरू किया गया है। अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम घरों के साथ ही स्कूलों, आश्रम, छात्रावासों और पैरा मिलिट्री कैम्पों में जाकर मलेरिया की जांच कर रही है। इसके साथ ही हाट-बाजारों में लोगों की जागरूकता के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

बस्तर में हो रहा ये काम

मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के अंतर्गत मलेरिया उन्मूलन के साथ ही एनीमिया, शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर और कुपोषण दूर करने पर भी फोकस किया जा रहा है। इसके साथ ही कुपोषण और एनीमिया मुक्ति को ध्यान में रखते हुए बस्तर संभाग के साढ़े छह लाख से अधिक गरीब परिवारों के लिए ’मधुर गुड़ योजना’ शुरू की गई है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर पूरे प्रदेश में सुपोषण अभियान शुरू किया गया है।