बर्तन व्यापारी के अपहृत पुत्र का 24 घंटे बाद भी सुराग नहीं

बर्तन व्यापारी के अपहृत पुत्र का 24 घंटे बाद भी सुराग नहीं

नवप्रदेश संवाददाता
बिलासपुर। करबला रोड निवासी बर्तन व्यापारी के सात वर्षीय पुत्र के अपहरण किए जाने की घटना के 24 घंटे बाद भी अपहरणकर्ताओं का पता नहीं चला है। बालक विराट सराफ की कल रात भाजपा कार्यालय के सामने से कार सवार आरोपियों ने अपहरण कर लिया था। घटना को गंभीरता से लेते हुए आज आईजी प्रदीप गुप्ता ने समस्त विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर थाना प्रभारियों को राज्य की सीमा में नाकाबंदी करने के निर्देश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि कल रात करीब 8.30 बजे करबला में भाजपा दफ्तर के सामने बर्तन व्यवसायी विवेक सराफ के 7 वर्षीय पुत्र विराट सराफ की घर के सामने से ही अपहरणकर्ताओं द्वारा एक बिना नंबर प्लेट की सफेद रंग वेगनआर में अपहरण की वारदात को अंजाम दिये जाने के बाद आईजी प्रदीप गुप्ता ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी सहित तमाम राजपत्रित अधिकारियों की आज बैठक लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए बैठक में अपहरण की घटना पर आईजी नें पुलिस अधीक्षक सहित जिले के प्रमुख पुलिस अधिकारियों और राजपत्रित अधिकारियों से हर पहलू पर चर्चा की है। हालांकि पुलिस अपहरणकर्ताओं की तलाश में हर एक संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ कर रही है। वहीं सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है। आसपास में संचालित अन्य दुकान मकान में लगे सीसीटीवी फुटेज लिया गया है। पुलिस नें नाकाबंदी कर हर उस वाहन की तलाशी ले रही है। वहीं जिले के बार्डर पर भी पुलिस की पैनी नजर है। पुलिस हर उस ठिकाने पर नजर रख रही है जहां अपहरणकर्ताओं के होने की संभावना है। हालांकि 24 घण्टे बीतने के बाद भी पुलिस अपहरणकर्ता गिरेबान तक पहुंच पाने में नाकाम है। पुलिस इस अपहरण के मामले को हर ऐंगल से देखने और समझने का प्रयास कर रही है। पुलिस के अधिकारियों से घटना के संदर्भ में जानकारी मांगने पर कुछ भी बताने से इंकार कर रहे हैं।
अपहरण की इस घटना से हर कोई अचंभित है क्योंकि रोजाना बस स्टैंड चौक के पास यातायात पुलिस वाहनों की चेकिंग करती है कल अगर चौक में पुलिस तैनात थी तो अपराधी अपने कारनामे को अंजाम देने में कामयाब कैसे हो गए।
इस घटना से पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था की भी पोल खुल गई है। चौक-चौराहे में लगे सीसीटीवी कैमरों में मोटी धूल की परत जम गई है। ऐसा लगता है केवल औपचारिकता के लिए ही लगाया गया है। अपहरण के आरोपियों के पता नहीं लगने का एक कारण लोकसभा चुनाव में शांति व्यवस्था बनाए रखने पुलिस का व्यस्त रहना भी है। आईजी ने अपात बैठक लेकर एसपी सहित थाना प्रभारियों को सीमा में नाकाबंदी के दिए निर्देश

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