एक घर बेचकर दूसरा घर खरीदनेवालों को बड़ी राहत

एक घर बेचकर दूसरा घर खरीदनेवालों को बड़ी राहत

मुंबई । एक घर बेचकर दूसरा घर खरीदने वाले टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल की मुंबई बेंच के हालिया फैसले से फायदा होने वाला है। ट्राइब्यूनल ने कहा है कि घर पर कब्जा उसके अलॉटमेंट डेट से माना जाएगा। उसने स्पष्ट किया कि होल्डिंग पीरियड अलॉटमेंट डेट से शुरू होगा, न कि रजिस्ट्रेशन डेट से। लॉन्ग-टर्म कैपिटल ऐसेट की बिक्री से प्राप्त लाभ को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस माना जाता है। वही घर इस कैटिगरी में आते हैं जिनका होल्डिंग पीरियड कम कम-से-कम 24 महीने हो। यानी, किसी टैक्सपेयर ने किसी घर को 24 महीने अपने मालिकाना हक में रखने के बाद बेचा हो, तो उसे इस बिक्री से हुए मुनाफे पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स देना होगा। हालांकि, वित्त वर्ष 2017-18 से पहले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस के लिए समयसीमा 36 महीने की थी। ट्राइब्यूनल का यह फैसला इसलिए मायने रखता है क्योंकि टैक्सपेयर को इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 54 एफ के तहत एक घर बेचने से प्राप्त एलटीसीजी पर टैक्स से मुक्ति मिल जाती है, अगर वह निश्चित समय सीमा के अंदर दूसरा घर खरीद ले। दूसरी ओर, अगर घर की बिक्री से हुए लाभ को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस माना जाता है तो दूसरा घर खरीदने के बावजूद टैक्स छूट नहीं मिलेती है।
अब जब अपीलेट ट्राइब्यूनल ने स्पष्ट किया है कि होल्डिंग पीरियड की शुरुआत अलॉटमेंट डेट से माना जाना चाहिए तो टैक्सपेयर्स फायदा होना तय है क्योंकि रजिस्ट्रेशन, घर आवंटित होने के बहुत बाद होता है। बहरहाल, इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल की मुंबई बेंच के पास जो मामला आया, उसमें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा था कि अलॉटमेंट पेपर महज एक ऑफर है और प्रॉपर्टी का अधिकार अग्रीमेंट पर दस्तखत करने और स्टांप लगने के बाद मिलता है।

JOIN OUR WHATS APP GROUP

डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *