कार्यकर्ताओं ने पीसीसी चीफ को बताई पीड़ा, कहा-फूलछाप कांग्रेसी को पहचाने |

कार्यकर्ताओं ने पीसीसी चीफ को बताई पीड़ा, कहा-फूलछाप कांग्रेसी को पहचाने

  • कार्यकर्ताओं का उत्साह देखकर रैली में प्रदेश अध्यक्ष ने चलाई बाइक

कवर्धा। पीसीसी चीफ  मोहन मरकाम PCC Chief mohan markam का आज कवर्धा प्रथम आगमन हुआ। जिसमें कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह पीसीसी चीफ PCC Chief का स्वागत किया। कार्यकर्ताओं ने बाइक रैली भी निकाली।

कार्यकर्ताओं का उत्साह देख प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम mohan markam भी उत्साहित हुए और स्वत: बिरकोना से वाहन चलाते हुए ठाकुरदेव चैक तक पहुंचे। जहां कार्यकर्ताओं ने फूल माला से स्वागत किया। स्थानीय वीर सावरकर भवन में मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष का प्रथम नगर आगमन हुआ।

बैठक के प्रारंभ होते ही कार्यकर्ताओं से सुझाव भी मांगे गये और उनसे चर्चाएं भी की गई। चर्चा के बीच जब कोई कार्यकर्ता अपनी बात रख रहा था तो प्रदेश अध्यक्ष के सामने उसे रोका जा रहा था लेकिन प्रदेश अध्यक्ष PCC  ने कहा कि सभी को बोलने का मौका दे और किसी भी की बात को बीच से ना कांटे। एक दो बार जब ऐसी स्थिति निर्मित हुई तो प्रदेश अध्यक्ष भडके भी और कहा कि सबकी बातों को सुनना भी जरूरी है।

उन्होने कहा कि मै भी एक समय में सामान्य कार्यकर्ता हुआ करता था लेकिन आज पार्टी ने मुझ पर विश्वास जताया और मैं यहां हूं। युवा कांगे्रस के प्रदेश अध्यक्ष कोको पाडी ने भी सभा को संबोधित किया।

कार्यकर्ताओं ने की पीडा व्यक्त, कहा- फूलछाप कांग्रेसी से परेशान

कार्यकर्ताओं ने अपनी पीडा को व्यक्त किया और कहा कि फूलछाप कांगे्रसी से जरा बचकर रहे। क्योंकि ये वो है जो आज हमारे साथ है तो कल फिर फूलछाप में जा सकते है।

पंडरिया ब्लॉक के एक कार्यकर्ता ने यहां तक बताया कि एक समय में उन्होने पार्टी के लिए पूरी निष्ठा से कार्य किया और करते भी आ रहे है लेकिन उन्हें तवज्जो नहीं दिया जा रहा है। ऐसी स्थिति में आने वाले चुनाव के संकेत ठीक नहीं लग रहे है। सीधे तौर पर कहा जाये तो कार्यकर्ता अब नाखुश नजर आ रहे है।

बातों ही बातों में एक कार्यकर्ता ने तो यह भी कह डाला कि जो कभी दस साल तक पार्टी से दूरिया बनाये हुए थे वे आज मंच में आसीन दिखते है। बैठक का दौर काफी गहमा-गहमी के बीच चलता रहा और कार्यकर्ता अपनी बातों को रखने माइक का इंतजार भी करते रहे।

सीधे तौर पर कहा जाये तो बैठक में फूलछाप कांगे्रसी का मुद्दा गरमाया रहा। कार्यक्रम के दौरान जब मीडिया कर्मी कवरेज कर रहे थे तब उन्हें कहा गया कि वीडियों ना बनाये जबकि वाट्सएप व फोन के माध्यम से कार्यक्रम को लेकर आमंत्रण भी दिया गया था। पूरे बैठक के दौरान कार्यकर्ता अपनी पीड़ा को व्यक्त करते रहे है और तू-तू, मैं-मैं की स्थिति भी देखी गई।

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