-मुख्यमंत्री स्वैच्छिक संस्थाओं के विकास सम्मेलन में शामिल हुए

रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी (indra gandhi) को उनकी जयंती (Jubilee) के अवसर पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित (Humble tribute paid) करते हुए कहा है कि श्रीमती इंदिरा गांधी ने हमें दूर दृष्टि, कड़ी मेहनत और पक्का इरादा का रास्ता बताया।

प्रदेश और देश के विकास के लिए यही हमारा मूलमंत्र होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम समृद्ध छत्तीसगढ़ बनाना चाहते हैं। इसके लिए सबकी भागीदारी जरूरी है। मुख्यमंत्री (cm bhupesh baghel)  आज यहां न्यू सर्किट हाउस में छत्तीसगढ़ में कार्यरत स्वैच्छिक संस्थाओं के संगठन ’वानी’ द्वारा श्रीमती इंदिरा गांधी (indra gandhi) की जयंती पर आयोजित विकास सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। श्

री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel)  ने कहा है कि स्वैच्छिक संस्थाएं यदि शासकीय योजनाओं से जुड़ना चाहती हैं, तो उनका स्वागत है। स्वैच्छिक संस्थाएं गांवों में लोगों को प्रशिक्षण देने का और ग्रामीणों को स्वावलम्बी बनाने का काम करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि अधिक से अधिक ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ मिले।

मुख्यमंत्री (cm bhupesh baghel)  ने पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी (indra gandhi) के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने आजीवन गरीबों और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए काम किया और देश की एकता और अखण्डता की रक्षा के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। श्रीमती गांधी ने दूरदृष्टि और पक्के इरादे के साथ देश को नई दिशा प्रदान की।

चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में देश का कुशलतापूर्वक नेतृत्व करते हुए अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भारत को प्रतिष्ठापूर्ण स्थान दिलाया। उनके हरित क्रांति कार्यक्रम की सफलता ने देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया। श्री बघेल (cm bhupesh baghel) ने कहा कि श्रीमती गांधी (indra gandhi) ने बैंकों के राष्ट्रीयकरण, राजाओं के प्रिवीपर्स की समाप्ति जैसे कठोर निर्णय लिए। बांग्लादेश का उदय, भारत का परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनना उनकी प्रमुख उपलब्धियां थी। श्रीमती इंदिरा गांधी बचपन से देश के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रहीं।

दूर दृष्टि, कड़ी मेहनत और पक्का इरादा हमारा मूलमंत्र होना चाहिए : भूपेश बघेल

उन्होंने बाल चरखा संघ की स्थापना की और असहयोग आंदोलन के दौरान बच्चों की वानर सेना बनायी। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीमती इंदिरा गांधी को आयरन लेडी कहा जाता था। वे एक अनुशासित और कठोर शासक थीं, लेकिन उनके दिल में आदिवासियों, महिलाओं और गरीबों के प्रति कोमल भावनाएं थीं। इस अवसर पर वानी संगठन के अध्यक्ष श्री योगेन्द्र प्रताप सिंह, उपाध्यक्ष श्री बसंत यादव ने भी अपने विचार प्रकट किए।