पहले सूबा, फिर शहर और अब कस्बाई सत्ता का तख्त भी बीजेपी ने खोया |

पहले सूबा, फिर शहर और अब कस्बाई सत्ता का तख्त भी बीजेपी ने खोया

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विधायक सिर्फ 15, महापौर 1 भी नहीं, 27 जिला पंचायत में सिर्फ 7 पर भाजपा

कांग्रेस ने लूट लिए  भाजपा की सल्तनत के कई अहम इलाके

रायपुर/नवप्रदेश। सूबाई सियासत (chhattisgarh politics) में पहले ही बीजेपी (bjp lose panchayat election) की सांसें फूलने लगी थीं। फिर प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को शहरी निकाय से बाहर कर दिया अब पंचायत चुनाव में बची खुची सल्तनत भी बीजेपी की चली गई।

सूबे की सियासत (chhattisgarh politics) में भाजपा का सूपड़ा साफ करने वाली कांग्रेस का परचम प्रदेश, शहर, जिला पंचायत से लेकर ग्राम पंचायतों तक में लहराने लगा है। इतनी बड़ी जीत के जश्न में डूबी कांग्रेस ने एक ही बार में प्रदेश सरकार के अहम किरदार से भाजपा को आउट कर दिया है। 27 जिला पंचायतों में से 20 में कांग्रेस ने कब्जा बना लिया है।

महज 7 जिला पंचायतों को ही भाजपा (bjp lose panchayat election) ने बचाने में कामयाबी हासिल की है। भाजपा ने कभी सोचा नहीं होगा कि लगातार 3 बार प्रदेश में सरकार बनाने और कई बड़े शहरों व निकायों में खुद की सत्ता बरकरार रखने के बाद इस बार वह लगातार क्षेत्रीय चुनाव को हारती गई है। एक तरफ करारी शिकस्त के बाद बीजेपी के संगठन में नेतृत्व को लेकर जहां काफी नाराजगी है वहीं पार्टी के आला औहदेदारों में वर्चस्व की खींचतान मची हुई है। सियासी जानकारों की मानें तो देश को कांग्रेस मुक्त भारत बनाने की बात करने वाली बीजेपी उसी प्रदेश में वेंटिलेटर पर पहुंच गई है जहां लगातार तीन बार सरकार बनाई।

बस्तर, राजनांदगांव, बालोद, कवर्धा में जीती बीजेपी

छत्तीसगढ़ में भाजपा का बुरा वक्त पीछा नहीं छोड़ रहा है। विधानसभा चुनाव से लेकर उपचुनाव और निकाय से लेकर पंचायत तक के हर चुनाव में बीजेपी चारों खाने चित हुई है। यहां तक की जिन इलाकों में सालों तक बीजेपी की सल्तनत थी, वो सल्तनत भी कांग्रेस ने लूट ली। राजधानी के जिला पंचायत में कांग्रेस का कब्जा, अंबिकापुर, दुर्ग, बिलासपुर सहित 20 से ज्यादा जिलों में कांग्रेस को जीत मिली है।

कमाल की बात ये है कि मौजूदा 28 में से जिन 27 जिलों में चुनाव हुए थे, उनमें से 20 जिलों में कांग्रेस और सिर्फ 7 जिलों में बीजेपी का कब्जा हो पाया। राजनांदगांव और बस्तर को छोड़ दें तो अधिकांश बड़े जिलों में कांग्रेस का ही कब्जा है। राजधानी रायपुर के अलावे बिलासपुर, दुर्ग, अंबिकापुर सहित तमाम हाईप्रोफाइल जिलों में कांग्रेस की ही सरकार है। वहीं भाजपा के खाते में बस्तर, राजनांदगांव, बालोद, कवर्धा जैसे जिले आये हैं।

एक नजर जिला पंचायत अध्यक्ष के नामों पर

रायपुर- डोमेश्वरी वर्मा (कांग्रेस)
धमतरी- कांति सोनवानी (कांग्रेस)
महासमुंद- उषा पटेल (कांग्रेस)
बलौदाबाजार- राकेश वर्मा (कांग्रेस)
दुर्ग- शालिनी यादव (कांग्रेस)
राजनांदगांव- गीता घासी साहू (भाजपा)
बेमेतरा- सुनीता हीरालाल साहू (भाजपा)
कबीरधाम- सुशीला रामकुमार भट्ट (भाजपा) निर्विरोध।
मुंगेली- लेखनी सोनू चंद्राकर (कांग्रेस)
बिलासपुर- अरूण सिंह चौहान (कांग्रेस)
कोरबा- शिवकला कंवर (कांग्रेस)
जांजगीर चांपा- यनिता यशवंत चंद्रा (कांग्रेस)
रायगढ़- निराकार पटेल (कांग्रेस)
जशपुर- रायमुनि भगत (भाजपा)
सरगुजा/अंबिकापुर- मधु सिंह (कांग्रेस)
सूरजपुर- राजकुमारी मरावी (कांग्रेस)
कोरिया- रेणुका सिंह (भाजपा)
बलरामपुर-निशा नेताम (भाजपा) निर्विरोध
बालोद- सोना देवी (कांग्रेस)
कांकेर- हेमंत ध्रुव (कांग्रेस)
जगदलपुर (बस्तर)- वेदवती कश्यप (भाजपा)
नारायणपुर- श्यामबती नेताम (कांग्रेस) निर्विरोध।
गरियाबंद- स्मृति नीरज ठाकुर (कांग्रेस)
बीजापुर- शंकर कुडिय़ान (कांग्रेस) निर्विरोध।
कोंडागांव- देवचंद मातलम (कांग्रेस)
दंतेवाड़ा- तुलिका कर्मा (कांग्रेस)।
सुकमा- हरीश कवासी (कांग्रेस), निर्विरोध।

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