शिक्षकों की नई भर्ती के खिलाफ याचिका दायर, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा

शिक्षकों की नई भर्ती के खिलाफ याचिका दायर, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा

नवप्रदेश संवाददाता
बिलासपुर। शिक्षकों की नयी भर्ती के खिलाफ एक और याचिका हाईकोर्ट में दायर की गयी है। नयी भर्ती के विज्ञापन को चैलेंज करते हुए ये याचिका दायर की गयी है। याचिका के आधार पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दरअसल मुकेश कुमार कोर्राम ने 30 अप्रैल को भर्ती पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की थी, इस मामले को लेकर आज को कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसके बाद राज्य सरकार से इस मामले में हाईकोर्ट ने पक्ष मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 17 जून को होगी। इसी दिन पूर्व से दायर व्याख्याता शिक्षक विवेक दुबे की याचिका पर भी सुनवाई होनी है।
मुकेश कुमार कोर्राम के साथ 11 अन्य शिक्षकों ने भी इस मामले में याचिका दायर की है। भोजराम साहू, डोमेंद्र कुमार चंदेल, कानता प्रसाद कंवर, रितेश कुमार ऋषि, पुकेश्वर सिंह, अनवर दास साहू, पंकज कुमार ठाकुर, पुरुषोत्तम रामटेके, नारायण राणा, डिंपल सहारे और आदित्य प्रकाश नामदेव ने भी साथ याचिका दायर की है। अब तक नयी भर्ती पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में आधा दर्जन से ज्यादा याचिका दायर की चुकी है। इससे पूर्व भी व्याख्याता शिक्षक विवेक दुबे की याचिका पर कोर्ट ने सरकार को नोटिश जारी किया था। इस मामले में पहले ही कोर्ट ने 17 जून को अगली सुनवाई की तारीख तय की है। अब मुकेश कोर्राम की याचिका पर भी 17 जून को विवेक दुबे की याचिका के साथ ही सुनवाई होगी।
छत्तीसगढ़ में 20 साल के बाद स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों की सीधी भर्ती का विज्ञापन जारी हो चुका है। सरकार 15 हजार शिक्षकों की भर्ती करने जा रही है। पूर्व से कार्यरत शिक्षाकर्मियों की मांग है कि जब तक सभी शिक्षकों का संविलियन नहीं हो जाता, तब तक नयी नियुक्ति नहीं होनी चाहिये। इस भर्ती पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में अब तक कई याचिका दायर की जा चुकी है।
हाईकोर्ट में ग्रीष्मकालीन अवकाश 18 से
देशभर के न्यायालय 18 मई से 16 जून तक के लिए बंद हो जाएंगे। 17 जून से फिर मामलों की सुनवाई शुरु होगी। इस दौरान केवल फौजदारी मामलों की ही सुनवाई होगी। उच्च न्यायालय में भी इस दौरान ग्रीष्मकालीन अवकाश रहेगा। उल्लेखनीय है कि न्यायालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश 20 मई से 14 जून तक घोषित किया गया है, लेकिन तीसरा और दूसरा शनिवार होने की वजह से अवकाश 18 मई से शुरु हो जाएगा और 16 जून को रविवार होने की वजह से 17 जून से पुन: कोर्ट प्रारंभ होंगे। ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान सिविल मामलों की सुनवाई नहीं होती केवल फौजदारी मामलों की सुनवाई होती है। उल्लेखनीय है कि पहली बार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश रंजन गोगई ने ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान वेकेशन कोर्ट में उपस्थित रहेंगे। बताया जाता है कि जिला न्यायालय में इस बार भी वेकेशन कोर्ट के लिए अलग-अलग जजों की नियुक्तियां कर दी गई है।

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