शहीद धनंजय का बलिदान देश और समाज के लिए मिसाल : कलेक्टर-एसपी शहीद सम्मान समारोह में हुए शामिल

शहीद धनंजय का बलिदान देश और समाज के लिए मिसाल : कलेक्टर-एसपी शहीद सम्मान समारोह में हुए शामिल

बलौदाबाजार । बलौदाबाजार जिले के टोनाटार के ग्रामवासियों ने अपने शहीद बेटे श्री धनन्जय वर्मा का 10 वां बलिदान दिवस बड़ी शान से मनाया। कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल और एसपी नीतू कमल विशेष रूप से इस समारोह में शामिल हुए। गौरतलब है कि वर्ष 2009 में आज ही के दिन बस्तर के उसूर में नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद धनंजय को वीरगति प्राप्त हुई थी। तब से हर साल इस दिन 19 जून को ग्रामवासियों द्वारा शहीद सम्मान दिवस मनाया जाता है। शहादत के 10 साल गुजर जाने के बाद भी शहीद की याद में लोगों की आंखों की नमी कम नहीं हुई थी और चेहरा गर्व से चमक रहा था।

देश और समाज में सद्भावना की मिसाल हैं टोनाटार के ग्रामवासी

सम्मान समारोह में कलेक्टर श्री गोयल ने कहा कि यहाँ आकर वो खुद को बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं क्योंकि इसी पावन भूमि पर शहीद धनंजय ने जन्म लिया और पले बढ़े।उन्होंने कहा कि टोनाटर गाँव आज शहीद धनंजय के नाम से जाना जाता है। यहां के युवाओं के लिए किसी हीरो से कम नहीं है।उन्होंने कहा कि गाँव के बुजुर्गों की ये पहल देश और समाज में एक मिसाल है जहां जाति धर्म और समुदाय से ऊपर उठकर पूरा गाँव हर साल उनकी शहादत दिवस पर इकट्ठा होता है। इस तरह के आयोजन देश और समाज में सद्भावना को बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि धनंजय जैसे वीर सिपाहियों के कारण ही आज हम सुरक्षित हैं जो खुद की जान की परवाह किए बगैर देश के लिए अपनी जान की बाजी लगाने से भी नहीं चूकते। उन्होंने इस मौके पर शहीद धनंजय की माता श्रीमती केंवरा बाई और पिता श्री दशरथ लाल को शॉल श्रीफल देकर सम्मानित किया। उन्होंने शहीद की माता के चरण स्पर्श कर उनका नमन भी किया।

एस पी नीतू कमल ने कहा कि उनके लिए ये पल बहुत भावुक और गौरव से भरा है। जहां एक तरफ शहीद धनंजय ने देश के लिए जान देकर इस गाँव के हर व्यक्ति का सीना गर्व से चौड़ा किया है। वहीं दूसरी तरफ उनको खोने का दर्द भी उनके परिवार के लिए कम नहीं है। लेकिन इस दर्द में बावजूद उनके परिवार का जज़्बा देखते ही बनता है।

पिता को है बेटे की शहादत पर नाज

अपने बेटे के याद करके श्री दशरथ वर्मा की आंखें भर आईं।उन्होंने बताया कि उनके दिल में यही चाहत थी कि वो सेना में शामिल होकर देश की सेवा करें। लेकिन आर्थिक तंगी के चलते चयनित होने के बाद भी जबलपुर नहीं जा पाए। लेकिन उन्होंने तय कर लिया था कि अपने बेटे को जरूर पुलिस फोर्स या सेना में भेजेंगे। उन्होंने बताया कि उन्होंने देश के लिए अपना बेटा कुर्बान कर दिया जिस पर उन्हें बहुत नाज़ है।सम्मान समारोह में जिले भर के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई और उनकी याद में सबने 2 मिनट का मौन रखा।रायपुर से आए पुलिस बैंड के द्वारा शहीदों के सम्मान में राष्ट्रीय गान की धुन बजाई गयी।

इस मौके पर जिले भर के शहीदों के परिजनों ,गाँव के बुजुर्गों, शिक्षकों,कलाकारों औऱ पत्रकारों का सम्मान भी किया गया। इस अवसर पर श्री राकेश तिवारी के नेतृत्व में देशभक्ति से परिपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।कार्यक्रम के बाद गाँव के सरपंच श्री चंद्रप्रकाश साहू ने गांव की समस्याओं के बारे में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा ।श्री गोयल ने कहा कि शहीद के इस गांव की समस्या को दूर करने के लिए वो हर तरह की संभव कोशिश करेंगे।

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